प्रतिबंधित खोज: 7 हफ्ते के अंदर आर्टिफ़िशियल खून की लाल कोशिकाएँ स्थायी रूप से हाई ब्लड प्रेशर को ठीक कर देती हैं, खून की नलियों को मज़बूती देती हैं और रोग-प्रतिरोधी क्षमता बढ़ा देती हैं!

अगले टीवी प्रोग्राम की शूटिंग के दौरान बड़ी शर्मनाक घटना हुई जिसने उत्पाद उद्योग के "बड़े नामों" की बड़ी किरकिरी कर दी। वहाँ बुलाए गए एक एक्सपर्ट ने अचानक स्क्रिप्ट से हटकर बोलना शुरू कर दिया और उसकी बातें सुनकर पब्लिक दंग रह गई। लेकिन मेडिकल ऑफिसरों की तो खास तौर पर बेइज्जती हुई।
हार्ट सर्जन ने कहा। "आप लोग बस वायरस की बातें करते रहते हो पर उस समस्या की तो बात ही नहीं करते जिससे भारत में हर साल 15 लाख लोग मरते हैं! आखिर कोई दिल की बीमारियों की बातें क्यों नहीं करता? आप सब लोग चुप क्यों हो जबकि एक ऐसी उत्पाद मार्केट में आ चुकी है जो हाई ब्लड प्रेशर को पूरी तरह ठीक कर देती है?"
ब्लड प्रेशर! असली जानलेवा तो ब्लड प्रेशर है। सिर्फ भारत में नहीं, दुनिया भर में यही हो रहा है। और आप ऐसा दिखाते हो मानो सब नॉर्मल है। आप उन मॉडर्न तरीकों की बात ही नहीं करते जो इस समस्या को हमेशा के लिए खत्म कर देंगी।
दिल की बीमारियाँ ही दुनिया भर में लोगों की जान जाने का नंबर 1 कारण हैं। 94% हार्ट अटैक और लकवे के पीछे कारण हाई ब्लड प्रेशर ही होता है। 89% मामलों में हार्ट अटैक के दौरान हाई ब्लड प्रेशर और लकवा जानलेवा सिद्ध होता है। यदि हम संख्याओं की बात करें तो हाई ब्लड प्रेशर करीब 77-78% मामलों में जान जाने का "प्राकृतिक" कारण होता है। 2019 में ऐसी 15 लाख मौतें भारत में ही हुई थीं और आप लोग दूसरी ऐसी बीमारियों की रोकथाम की बातें कर-कर के बेवकूफ़ बना रहे हो जो इसके जैसी खतरनाक हैं ही नहीं।

"लोग अपने दिल और खून की नलियों के खराब हो जाने के कारण मर रहे हैं! ये हमेशा याद रखना", ये कहा था रजनीश कुमार ने जो वहाँ बुलाए गए एक एक्सपर्ट थे, लेकिन दूसरे गेस्ट तुरंत उनपर टूट पड़े और उनसे शांत रहने के लिए कहने लगे।

आंकड़े देखकर आप दंग रह जाएँगे! हर साल वायरल और संक्रामक बीमारियों से भारत में 2.5 लाख जानें जाती हैं वहीं हार्ट की समस्याओं से मरने वाले लोगों की संख्या 5,00,000 है।
और सबसे अजीब और दुखी करने वाली चीज यह है कि वायरस के सीरियस हो चुके 99.87% मामलों में लोगों को दिल की ही बीमारियाँ होती हैं! हाई ब्लड प्रेशर से दिल कमजोर हो जाता है और यदि लोगों को ये बीमारियाँ न हों तो ज़्यादातर लोगों को वायरस के कोई लक्षण ही नहीं दिखेंगे। यही मेन रिस्क ग्रुप है। लेकिन इनके बारे में कोई बात नहीं कर रहा है, इसलिए सवाल खड़ा होता है - आप लोगों के दिल और खून की नलियों के सुधार के लिए क्या कर रहे हो?
स्टूडियो में सन्नाटा छा गया। सभी एक्सपर्ट - मुंबई के रिसर्च सेंटर के प्रतिनिधि और डॉक्टर एक-दूसरे से बहस करने लगे। प्रोग्राम के आयोजकों ने तुरंत माइक बंद करके विज्ञापन चला दिए और रजनीश कुमार को गार्डों ने ज़बरदस्ती बाहर कर दिया।
इस एपिसोड का प्रसारण भी तुरंत बंद कर दिया गया लेकिन देख रही और वहाँ मौजूद पब्लिक को ये वाकया लंबे समय तक याद रहेगा।
हमने खुद जाँच करने का फैसला किया और इस एक्सपर्ट को ढूंढ निकाला।

संवाददाता: मिस्टर कुमार, ऐसा लगता है आपके साथ काम करने वाले डॉक्टर टीवी पर हुए स्कैंडल के बारे में जानते थे। आपको सबसे सामने विरोध करते डर नहीं लगा?
रजनीश कुमार: मैं समझता हूँ कि इससे मेरे कैरियर पर क्या असर पड़ सकता है, पर अब मैं चुप नहीं बैठ सकता। आखिरी कैसे कोई इतने अच्छे ट्रीटमेंट को नज़रअंदाज़ करके लोगों को गुमराह कर सकता है। मैं एक डॉक्टर हूँ; मैंने डॉक्टर बनते समय मरीज़ों की सेवा की शपथ ली थी और मैं इसे तोड़ नहीं सकता।
मुझे खुशी है कि आपने मुझसे कांटैक्ट किया, क्योंकि अब मैं अपनी बात आपके पाठकों पहुंचा सकता हूँ। कई बीमारियों, यहाँ तक कि गंभीर बीमारियों के लिए भी उत्पादइयाँ विकसित हो जाएंगी लेकिन लालच और रिश्वत की बीमारी का कोई सुधार नहीं है। मुझे तो डर है कि इन बीमारियों से मानव जाति कभी भी निजात नहीं पा पाएगी। इस वायरस की आज तक कोई वैक्सीन विकसित नहीं हो पाई है।
संवाददाता: आप आखिर क्या कहना चाह रहे हैं?
रजनीश कुमार: मैं इस तथ्य की बात कर रहा हूं कि ऐसी कई बीमारियाँ हैं जिन्हें मेडिकल साइंस कई सालों से ठीक करने की कोशिश कर रहा है। देखी मैं एक हार्ट का डॉक्टर हूं मैंने ऐसे कई मरीज़ों का सुधार किया है जिन्हें या तो हार्टअटैक आ चुका है या लकवा लग चुका है। मेरी फ़ील्ड में धोखाधड़ी और बेवकूफ़ बनाना बहुत आम है।
मेरा बिल्कुल मानना है कि शरीर की दूसरी बीमारियों जैसे मस्क्यूलोस्केलेटल सिस्टम और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के सुधार में भी स्थिति यही है। इन बीमारियों को सिर्फ लक्षणों के आधार पर ठीक किया जाता है लेकिन व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो पाता।

और इसका कारण हैं बड़ी-बड़ी उत्पाद कंपनियां और उनके मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, जो पूरे देश में डॉक्टरों को रिश्वत देते हैं।
संवाददाता: तो क्या आप यह कह रहे हो कि हाई ब्लड प्रेशर की मॉडर्न उत्पादइयाँ असरदार नहीं है?
रजनीश कुमार:देखिए हाई ब्लड प्रेशर की जो उत्पादइयाँ लोगों को लिखी जाती हैं वे एक महत्वपूर्ण काम करती हैं - ये पेशेंट की जेब से पैसे को पंप करके बड़ी-बड़ी उत्पाद कंपनी और डॉक्टरों के जेब में ले जाती हैं।
ये सब एक कानूनी ढंग से। आप खुद देखिए। एक पेशेंट उत्पाद लेता है, उसकी स्थिति बेहतर हो जाती है। और जब उत्पाद का असर खत्म हो जाता है तो प्रेशर फिर से बढ़ जाता है। सभी उत्पादइयों के काम करने का तरीका यही है। बेहतर महसूस करने के लिए लोगों को अपने "डोज़" की मात्रा बढ़ाते जाना पड़ती है।
बस एक चीज याद रखिए: इमरजेंसी में तो "केमिकल" उत्पादइयाँ जरूरी है और महत्वपूर्ण होती हैं। जब लोगों को अर्जेंट में मदद की जरूरत होती है तो इन उत्पादइयों से जान बचती है। उदाहरण के लिए प्रथम विश्व-युद्ध में जब लोग घायल हो जाते थे तो उन्हें दर्द के सदमे से बचाने के लिए हीरोइन तक का उपयोग किया जाता था।
लेकिन यदि आप लगातार उत्पादइयाँ लेते रहेंगे तो इनसे आपकी बॉडी को बहुत नुकसान होता है। हीरोइन में भी तो यही होता है। यह उत्पादइयाँ हीरोइन की तरह इतनी जल्दी तो नहीं लगाती लेकिन इनके काम करने का तरीका यही है। और फिर आपको साइड-इफेक्ट्स से बचने के लिए और दूसरी उत्पादइयाँ लेनी पड़ेगी इसके बाद कोई और बीमारी हो जाए तो और उत्पाद है। जितनी उत्पादइयाँ पेशेंट लेंगे उत्पाद कंपनियों का बिज़नेस उतना ही बढ़ता जाएगा।
संवाददाता: लेकिन लोग तो उत्पादइयों को लेते हुए कई सालों तक जिंदा रह जाते हैं।
रजनीश कुमार:उत्पादइयों के आदी बन चुके लोग काफी समय तक जिंदा रह सकते हैं। लेकिन ऐसी जिंदगी किस काम की होती है?
ऐसी जिंदगी किस काम की जिसमें आपके जोड़ों में दर्द होता है। जिसमें 50 की उम्र तक आते-आते ही आपको प्रोसटिटाइटिस और नंबर भी जैसी समस्याएं हो जाएं। जिसमें किडनी फेल होने का खतरा हो और एडिमा भी हो जाए। पहले तो आपके पैरों में सूजन आएगी और आपको चलने-फिरने में बहुत दिक्कत होने लगेगी। इसके बाद बारी आती है शरीर के दूसरे अंगों की। बाद में तो स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि आपका पेट एक सिलेंडर के आकार का हो जाता है। कुछ उत्पादएँ तो ऐसी हैं जिन्हें लंबे समय तक लेने पर कैंसर का भी खतरा होता है। आप खुद कैंसर से संबंधित आंकड़ों पर जरा नजर डालिए - असली महामारी तो ये चीजें हैं।
और मैं अभी छोटी मोटी दिक़्क़तों की तो बात ही नहीं कर रहा हूं जैसे नींद नहीं आना, कान में आवाज़ आना, नजर कमजोर होना और कम सुनाई पड़ना। मैं इसकी पूरी लिस्ट बनाकर दे सकता हूं। और इसका कारण एक ही है - खून की नलियों में नुकसान और उनका चोक हो जाना जिनका सुधार करने के लिए कोई तैयार ही नहीं है, बावजूद इसके कि इसका सुधार उपलब्ध है और इसके नतीजे भी बढ़िया आते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर का एक ऐसा उपाय उत्पाद की दुकानों में नहीं मिलेगा
संवाददाता: सेट पर आपने एक बड़ी नई चीज की बात की थी जिससे हाई ब्लड प्रेशर ठीक किया जा सकता है और खून की नलियों की भी सफाई हो जाती है लेकिन बीच में ही आपको स्टूडियो से निकाल दिया गया था। आखिर क्या है यह उपाय? और उत्पाद कंपनियों के अधिकारी और मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव आपके इस के बारे में बात शुरू करते ही एकदम से आक्रामक क्यों हो गए?
रजनीश कुमार: मैंने „Cardioton “नाम के बायोलॉजिकल प्रोडक्ट की बात करना शुरू की थी। इसे सक्रिय प्लांट वीटा मोलेक्यूल्स के आधार पर बनाया गया है।
Cardioton अमेरिकन सेंटर ऑफ मॉलिक्यूलर बायोलॉजी का एक प्रोडक्ट है। ऐसे कई बार " आर्टिफिशियल ब्लड सैल्स" भी कहा जाता है क्योंकि Cardioton शरीर में नई लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को प्रेरित करती है जो हमारी खून की नलियों को साफ करने और ठीक करने का काम करती हैं।
पूर्ण प्राकृतिक संरचना की बदौलत, यह उपाय पूरी तरह से सुरक्षित है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित कोई भी व्यक्ति इसका सेवन कर सकता है। उच्च रक्तचाप को सामान्य स्तर पर लाने में मददगार सबसे सक्रिय घटकों को पहली बार एक साथ इकट्ठा किया गया है। Cardioton कई बार जाँचों से गुजर चुका है, जिनके दौरान स्पष्ट सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
Cardioton खून की नलियों को साफ करके कई सालों तक ब्लड प्रेशर को स्थिर कर देती है। आपको इसे हमेशा लेने की जरूरत नहीं होती। इसे लेने के साथ हफ्ते बाद ही यह रक्त की नलियों के पूरे नेटवर्क को ठीक कर देती है और आपका ब्लड प्रेशर अगले 5 साल तक 120 / 80 ही मेंटेन रहेगा।
प्राप्त कीजिए कुल 50%वैज्ञानिकों की हमारी टीम को Cardioton विकसित करने के लिए थैरेपीयूटिक बायोलॉजी में इंटरनेशनल प्राइज़ मिला है।यह हाई ब्लड प्रेशर और खून की नलियों की बीमारियों को ठीक करने का एक बड़ा क्रांतिकारी और नायाब तरीका साबित हुआ।
कोई भी सोचेगा कि जब ऐसे किसी सुधार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा जा रहा है तो उत्पाद की कंपनियां और मेडिकल वाले लाइन लगाकर Cardioton की मांग करेंगे। सरकार को भी इस उत्पाद का लाभ उठाना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं है। सब के मुंह पर एक अजीब से चुप्पी है। लोग इस क्रांतिकारी चीज के ऊपर बात ही करने को तैयार नहीं है।
और मेडिकल बिज़नेस रिप्रेजेंटेटिव तो इस उत्पाद से नफरत करते हैं। इन लोगों के पास हजारों तरह की उत्पादइयाँ और उनके सेल्स और प्रॉफिट के प्लान होते हैं। यदि Cardioton मार्केट में आ गई तो इनकी कोई भी उत्पाद का टारगेट इससे मुकाबला नहीं कर पाएगा। Cardioton से 7 दिन के सुधार के बाद ही लोग उत्पाद की दुकान का रास्ता ही भूल जाते हैं।
यही कारण है कि ये लोग Cardioton से इतनी नफरत करते हैं। अब ये लोग किसी तर्क या साइंस के आधार पर तो इसके बारे में कुछ कह नहीं सकते क्योंकि इस को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है वह अंतरराष्ट्रीय मान्यता,सर्टिफ़िकेट मिले हैं, इसके ऊपर वैज्ञानिक लेख लिखे गए हैं और हजारों मरीज़ों ने इससे लाभ उठाया है। इसलिए इन लोगों ने इसे बॉयकॉट करने की रणनीति अपनाई है। ये लोग ऐसा दिखाते हैं कि इन्हें पता ही नहीं है कि Cardioton जैसी कोई चीज अस्तित्व में भी है। और जब मैंने सबके सामने लाइव टीवी पर इसके बारे में बात करना शुरू किया तो इन लोगों ने अपनी नकाब उतार कर मुझ पर हमला कर दिया और इनका असली चेहरा सामने आ गया।
शरीर खुद को ठीक करना कैसे शुरू करता है
Cardioton किस चीज से लड़ती है?
Cardioton का मुख्य उद्देश्य होता है उनकी नलियों को वापस ठीक करना। यही इसके काम करने का तरीके का आधार है जो आपका स्वास्थ्य ठीक करता है।
Cardioton तीन चरणों में आपकी रक्त की नलियों को ठीक कर दी है
- कोलेस्ट्रोल की जमा हो चुकी पपड़ी को तोड़ देती है
- खून की नलियों की खराब हो चुकी दीवारों को "रिपेयर" करती है
- दिमाग से आ रहे नर्व सिग्नलों को बेहतर तरीके से संचालित होने में मदद करती है
रक्त का प्रवाह वापस ठीक करती है और नलियों की दीवारों को मजबूत कर के शरीर में एक ऐसी चीज जिससे पूरा स्वास्थ्य अच्छा होने लगता है। ऐसा होने से हमारे शरीर की छिपी हुई रोग प्रतिरोधी क्षमता जाग जाती है और शरीर अपने आप खुद को ठीक करने लगता है।
अपने आप ठीक होने की इसी प्रक्रिया को अंग्रेजी में ऑटो-रीजेनरेशन कहा जाता है। ये सारी प्रणालियां हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से ही उपलब्ध होती हैं और Cardioton तो बस इन्हें उत्प्रेरित करके चालू कर देती है। आप एक तरह से इसे एक ऐसी चाबी मान सकते हैं जो ऑटो-रीजेनरेशन का दरवाज़ा खोल देती है।
7 दिन में 7 बीमारियों से मुक्ति पाएँ
Cardioton से सुधार का एक कोर्स करने के बाद मरीज़ को क्या मिलेगा?
1. एक अंतरिक्ष यात्री के जैसा प्रेशर
सबसे पहले तो यह हाई ब्लड प्रेशर को पूरी तरह ठीक कर देगी। 7 हफ्ते तक नियमित रूप से Cardioton लेने के बाद शरीर के नलिका तंत्र को एक तरह से पुनर्जीवन मिल जाता है। नलियां लचीली हो जाती हैं और उन्हें मज़बूती मिलती है। दूसरे शब्दों में कहूं तो नलियों में जान आ जाती है और ये ब्लड प्रेशर में होने वाले बदलाव को आसानी से झेल सकती हैं। चाहे आपका ब्लड प्रेशर तनाव के कारण बड़ा हो या शारीरिक मेहनत के कारण बढ़ा हो, ठीक हो चुकी नलिकाएं किसी भी तरह के ब्लड प्रेशर के ऊपर या नीचे होने को झेल जाती हैं और ब्लड प्रेशर स्थिर120/80 बना रहता है।
विशेष ऑफर के साथ इसका ऑर्डर करने के लिए यहाँ पर क्लिक कीजिए2. दिमाग के काम करने की प्रणाली में बेहतरी
Cardioton का एक कोर्स करने के बाद दिमाग में खून का प्रवाह 73% तक बढ़ जाता है।
इसके बाद मरीज़ निम्नलिखित सुधार महसूस करते हैं:
- याददाश्त अच्छी हो जाना
- नींद सामान्य हो जाना, थकान या कमज़ोरी में राहत
- बिना वजह कान बजना बंद हो जाना
- सर दर्द से मुक्ति
3. नजर पैनी हो जाना और कॉर्निया का ठीक हो जाना
Cardioton ना सिर्फ हमारे शरीर की बड़ी खून की नलियां और धमनियों को साफ करती है ये छोटी से छोटी नलियों पर भी अपना असर दिखाती है। हमारी आंखों में छोटी-छोटी कई नलियां होती हैं। इसलिए इससे आपकी रेटिनल कोशिकाओं को नई जान मिलती है और आंखों की मसल टोन अच्छी हो जाती है।
- इसके बाद नजर 20 / 10 से 20 / 40 तक बेहतर हो जाती है।
- आंखों में दाब सामान्य हो जाता है
- मोतियाबिंद के लक्षणों में आराम मिलता है
4. सूजन में राहत मिलना
किडनी और शरीर का मेटाबॉलिज्म ठीक हो जाता है। किडनी पानी जमा करना बंद कर देती हैं और इसलिए डाइयूरेटिक उत्पाद लेने की कोई जरूरत नहीं होती।
- पैरों में दर्द कम हो जाता है सूजन चली जाती है
- शारीरिक अंगों की सूजन कम होने से पेट का साइज भी कम हो जाता है
- फेफड़ों में भरा पानी निकल जाता है और सांस लेने में आसानी होने लगती है
5. बवासीर और प्रॉस्टेटाइट इसके लक्षणों में आराम मिलता है
खून की कमजोर और खराब हो चुकी नलियां ही अक्सर होने वाली बीमारियों का कारण होती हैं:
- वेरीकोज वेन्स
- बवासीर
- प्रोस्टेटाइटिस
- स्तंभन दोष
Cardioton के एक ओर से ही शरीर के हर अंग की रक्त धमनियों में सुधार होता है। जब बीमारी के पीछे का कारण चला जाता है तो बीमारी अपने असर दिखाना बंद कर देती है और 73% मामलों में तो यह पूरी तरह से गायब हो जाती है।
पुरुषों को तो अपनी मर्दानगी वापस पाकर बहुत अच्छा लगता है। 70 की उम्र में भी उन्हें यह देखकर बड़ा आश्चर्य होता है कि उनका स्टैमिना कैसे वापस आ चुका है।
6. हार्ट का ठीक हो जाना
एओर्टा नलियों की सफाई से हार्ट की मसल टोन पर बहुत अच्छा असर पड़ता है। 93% मामलों में दिल का असामान्य रूप से धड़कना ठीक हो जाता है और 99% मामलों में इस्कीमिया ठीक हो जाता है।
- दिल का दर्द दूर हो जाता है और धड़कन और पल्स नॉर्मल हो जाते हैं।
- हार्ट अटैक की रिस्क 17 गुना कम हो जाती है
7. रोगों से लड़ने की प्रणाली काम करना शुरू कर देती है
बोन मैरो में रक्त का प्रवाह बेहतर हो जाता है जो रोग प्रतिरोधी कोशिकाओं को बनाती है। इससे शरीर की सुरक्षा प्रणाली अच्छी होती है।
ये न सिर्फ वायरस से लड़ती है, एक मजबूत रोग प्रतिरोधी क्षमता कैंसर कोशिकाओं से भी लड़ती है। एक मजबूत रोग प्रतिरोधी प्रणाली कैंसर कोशिकाओं को समय रहते पहचान कर उन्हें नष्ट कर देती है और ट्यूमर नहीं बढ़ने देती।
यदि आपकी रोगों से लड़ने की क्षमता अपने 50% पर भी काम करती है तो वायरस वगैरह आपके शरीर में घुसी नहीं सकते। और आज के दिन यह बहुत ही जरूरी है।
उत्पाद की दुकानों के संघ के चेयरमैन को जब हमने फोन किया और Cardioton के बारे में बात करनी चाही तो उन्होंने अचानक फोन रख दिया।

हमने उत्पाद की दुकानों के संघ के उच्च अधिकारियों से बात की और हम जानना चाहते थे कि आखिर Cardioton किसी भी उत्पाद की दुकान में क्यों नहीं भेजी जा रही।
हमने उत्पाद की दुकानों के संघ के उच्च अधिकारियों से बात की और हम जानना चाहते थे कि आखिर Cardioton किसी भी उत्पाद की दुकान में क्यों नहीं भेजी जा रही।
आप लोगों को क्यों भड़का रहे हैं? में ऐसे सवालों का जवाब नहीं देने वाला हूं!!! आपको इससे क्या मतलब है!
फोन कट गया...Cardioton कैसे प्राप्त करें
उत्पाद दुकान संघ के मुख्य अधिकारी से इस बातचीत के बाद यह पूरी तरह साफ हो गया कि Cardioton उत्पाद की दुकानों में ना तो मिल रही है और न भविष्य में मिलेगी। लेकिन इसको लोगों तक तो पहुंच आना ही पड़ेगा है ना?
जी हां, भारत के सभी नागरिक Cardioton को फैक्ट्री की ऑनलाइन वेबसाइट से ऑर्डर कर सकते हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उत्पाद की दुकान वाले इसका गलत फायदा नहीं उठा पाए।
लेकिन क्या उत्पाद वालों ने इसका कुछ गलत फायदा उठाया है?
दुर्भाग्य से कहना पड़ रहा है कि ऐसा हुआ है। कई चालाक बिजनेसमैन एक नई स्कीम लेकर आए। इन लोगों ने Cardioton ऑर्डर की और साइट पर लिखा कि बूढ़े लोगों के लिए ले रहे हैं इसलिए डिस्काउंट इन्हें मिल गया। इसके बाद इन्होंने यह उत्पाद लेकर कई गुना ऊंचे रेटों पर मार्केट में भेज दी। उदाहरण के तौर पर, इन लोगों ने एक उत्पाद की दुकान में Cardioton का 7 हफ्ते का कोर्स INR48,000 में बेचा! यह कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है। इसलिए हम सभी को सावधानी बरतनी होगी। यही कारण है कि हम इस चीज की निगरानी करते हैं कि लोग खुद ही इसे ऑर्डर कर रहे हैं और बिचौलियों के कई गुना कमीशन से बच रहे हैं।
ऐसा क्यों है कि Cardioton को सिर्फ ऑनलाइन ही ऑर्डर किया जा सकता है?
देखिए इसके पीछे तीन कारण है:
- क्वालिटी की गारंटी। Cardioton सीधे फैक्ट्री से ख़रीदार के यहां भेजी जाती है
- इससे बिचौलियों की कोई जरूरत नहीं पड़ती। इसलिए कोई भी इसे दोबारा बेचकर हजारों रुपयों का मार्जिन नहीं बना सकता
- तेज डिलीवरी
रिटायर हो चुके लोगों के लिए डिस्काउंट
फिलहाल पांच राज्यों में लोगों को अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सरकार आती है। इस प्रोग्राम में Cardioton 50% डिस्काउंट पर आर्डर कर सकते हैं। यह ऑफर स्वास्थ्य सुधार कार्यक्रम का एक हिस्सा है। डिस्काउंट राज्य में रहने वाले ऐसे लोगों को दिया जाता है जो 47 साल से ज्यादा की उम्र के हैं:
☑ उत्तर प्रदेश
इसलिए मैं सबको यही कहता हूं कि इस प्रदेश के लोगों को समय नष्ट नहीं करना चाहिए। इसका दूसरा मौका नहीं मिलेगा। हम नहीं जानते कि यह कार्यक्रम कब तक चलेगा और Cardioton के कितने पैकेज इसमें बेचने के लिए उपलब्ध होंगे।
Cardioton अभी पाए!
स्वास्थ्य सुधार कार्यक्रम के जरिए Cardioton पाने के लिए आपको सिर्फ अपना मोबाइल नंबर देना होगा। एप्लीकेशन फॉर्म में अपना फोन नंबर एंटर कर दें और "Cardioton जाएं" बटन पर क्लिक कर दें।
महत्वपूर्ण! एक फोन नंबर पर सिर्फ एक एप्लीकेशन ही डाली जा सकती है!
अभी तो सातों दिन 24 घंटे एप्लीकेशन स्वीकार करके प्रोसेस की जाती हैं। लेकिन लोड बढ़ता जा रहा है और आगे जाकर आपको लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
ध्यान दें!
यह सुनिश्चित कर लें कि वेबसाइट में प्रोटेक्टिव होलोग्राम दिखे:

यह प्रोटेक्टिव होलोग्राम ही 100% क्वालिटी की गारंटी है। यह दर्शाता है कि आप ऑफिशल वेबसाइट पर आए हैं और आपको ओरिजिनल Cardioton प्रोडक्ट भेजा जाएगा और आवश्यक सलाह और सपोर्ट भी दी जाएगी।

इस प्रोग्राम के तहत बचे हुए पैकेटों की संख्या:
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